सावन की हरियाली
सावन की हरियाली
सावन का महीना भी आ गया,
बारिश का मौसम भी आ गया
अब तो बूंदें भी पड़ने लगे ,
लेकिन न जाने कब इस धरती पर
हरियाली की बहार आएगी ।
धरती सूखी बंजर सी हो गई,
आंखें पत्थर सी खुली रह गई,
इस सावन के इंतजार में ,
बारिश के मौसम के इंतजार में,
इन बूंदों के इंतजार में ,
अब तो सब आ गए, अब तो जिद छोड़कर
हरियाली बिखेर दो मेरी मां ।
तेरी धरा पर हरियाली देखने को
मेरी अंखियां तरस गई हैं ।
