dr. kamlesh mishra

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dr. kamlesh mishra

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तितली रानी

तितली रानी

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रंग-बिरंगे पंखों वाली,

आई तितली रानी।

बैठी मेेरे कन्धेे पर,

कहती सुुनो मेरी  कहानी।


मेरे रूप रंंग सेे ,

जग मोहित हो जाता है।

मुझे पकडऩे को वो,

बर वस ही दौडे आता है।


मेरे नाजुुुक पंखो से,

अपने मन को बहलाता ।

भूल गया है दर्द को मेरे,

मन नहीं उसका घबड़ाता।


मेरी सुुंदर काया पर ,

कवियों ने कविता कर डाली।

जग की कुटिल कलाओं से,

मेरी उपमा कर डाली।


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