STORYMIRROR

Amit Singhal "Aseemit"

Abstract Drama Classics

4  

Amit Singhal "Aseemit"

Abstract Drama Classics

मिठाई

मिठाई

1 min
383

किसी अपने से मधुर मिलन का योग हो।

हवन पूजा में जिसके प्रसाद का भोग हो।


जब परीक्षा का परिणाम अच्छा आ जाए।

जब भेंट व उपहार में कुछ खाने का आए।


जब मुंह का कड़वा स्वाद, उदास मन हो।

जब अतिथियों का अचानक आगमन हो।


केवल मिठाई है, जो सभी को पसंद आए।

कभी लड्डू, रसगुल्ला या कलाकंद खाए।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract