कभी न ऐतबार करना
कभी न ऐतबार करना
यह दुनिया अजीब है, इस पर कभी न ऐतबार करना।
दुखी हो तो किसी से अपने दिल का न ग़ुबार कहना।
समझ ले, इस जाइर ज़माने से कोई न उम्मीद रख।
किसी भी इंसान को पहले अच्छी तरह जाँच परख।
उसके बाद किसी से प्यार कर उस पर ऐतबार कर।
वर्ना पछतायेगा तू, यह सबक याद तू बार बार कर।
तेरी खुशी से जलने वालों से हमेशा तू डर कर रहना।
खुशी काबू में रखना, कभी इस का न खुमार करना।
दिल को समझा लेना कि किसी पर न ऐतबार कर।
वह न मानेगा, तो ऐसा एक बार नहीं बार बार कर।
