प्लास्टिक
प्लास्टिक
प्लास्टिक एक अजैवनिघ्नीकरणीय पद्धार्थ होता है।
ऐसा पद्धार्थ न कभी गलता है, न कभी नष्ट होता है।
हम प्लास्टिक उपयोग करते हैं भिन्न भिन्न प्रकार से।
इसके बिना हम सब के जीवन लगने लगे बेकार से।
अब यह लगता है कि प्लास्टिक के बिना क्या होता।
इंसान सारे सामान को कैसे ढंकता और कैसे ढोता।
अब हम खाने के सामान से कपड़े तक रखते इसमें।
प्लास्टिक है इतना ज़रूरी, जीवन क़ैद हुआ जिसमें।
पीने के पानी की बोतल से खाने के टिफ़िन तक भी।
चम्मच, प्लेट, कटोरी, लैपटॉप, फ़ोन, तार बिजली की।
जिस सामान का नाम लें, वह सब प्लास्टिक में मिले।
हल्का किफ़ायती होने के कारण दिल सब के खिले।
इंसान ने प्लास्टिक का प्रयोग किया तो गलत नहीं है।
प्लास्टिक का कचरा इधर उधर फेंकना सही नहीं है।
प्लास्टिक कचरा आख़िरकार नदी समुंदर है जाता।
फिर पानी का जीव जंतु भोजन समझकर है खाता।
इस कारण जलीय जीव जंतुओं को लगती बीमारी।
फिर वही बीमारी हम सभी इंसानों पर पड़ती भारी।
रोगग्रस्त जलीय जीव जंतु से जल दूषित हो जाता।
उस दूषित जल को अपने प्रयोग में इंसान है लाता।
एक सबक हम सबको हमेशा रखना है ठीक से याद।
प्लास्टिक का प्रयोग कम करो, करो सबसे फ़रियाद।
