एक मुलाकात में
एक मुलाकात में
एक मुलाकात में
बात ही बात में
दिल मेरा चुरा लिया
मुझे अपना बना लिया
अब तलक याद है मुझे
पहली मुलाकात का दिन
अधरों पर मीठी मीठी हंसी
एकटक निहारा था मुझे
नैनों के तीरो से तुम
कर गए थे घायल मुझे
चुपके से मेरे लिए तुम
पायल लेकर आए थे
जब जब पहनूं पैरों में
सुनती हूं झंकार कानों में
याद आती हैं वो मुलाकात
जो लेकर आई थी सौगात
वो तेरा रेशमी अहसास
आज भी लगता बड़ा खास
बसा जिस्मों जान में तू
रहे हरदम मेरे आसपास
बन आई हूं तेरी दुल्हन
तुझे बनाया अपना साजन
उम्र भर तुझकों प्यार करू
हर हाल में तेरे संग रहूं
जब तक मैं जिंदा रहूं
कदम से कदम मिला चलूं
जब विदा होऊ दुनिया से
आख़िरी सांस तेरी बांहों में लूं।