राम नाम की महिमा
राम नाम की महिमा
राम नाम की महिमा देखों
बच्चा, बच्चा जाने है
चाहें जितने नोट कमा लो
अंत काम ना आने है
राह निहारे कब से सबरी हुई बावरिया
एक दिन आयेंगे रघुराई मेरी डगरिया
आस को यथार्थ बनाने जा पहुंचे द्वार
प्रेम वश सबरी के झूठे बेर खाएं है
नार अहिल्या श्रापित हो बनी शिला
हे राम हे राम करते बरसों बीता
गए वन राम लखन , जानकी संग
चरण छू अहिल्या श्राप मुक्त कराएं है
दैत्य विभीषण रावण का भाई
श्री राम से प्रीत लगा बैठा
दशानन मारा , लंका राज्य दिलाया
भव सागर से तारे है
मोह माया में फंसकर बन्दे
क्यों हीरा जन्म गवां रहा
राम नाम की नाव में सवार हो जा
वहीं दुखों से मुक्ति दिलाएं है।
