होली खेलें नंदलाला
होली खेलें नंदलाला
मस्ती में निकली कान्हा की टोली
मिलकर खेलेंगे सब होली
बाल ग्वाल सज धज कर आए
रंग - बिरंगे गुलाल संग पिचकारी लाए
आई राधिका बन संवर सखियों संग
छुप छुप कर लगाए कान्हा को रंग
पकड़ कलाई जब मरोड़ दी नंदलाला ने
दिखा नैनो की चतुराई ली छुड़ा बाला ने
इधर दौड़े कभी उधर भागे सब गोपी
लीलाधर की लीला से बच नहीं पाओगी
इसको पकड़ रंग डाला अब उसकी बारी
प्रेम पिचकारी से भीग गई सखियां सारी
गोपियों संग मैया यशोदा और नंदबाबा भी आए
अपने लाला की लीला देख मन में खूब हर्षाए
इतना मनोरम दृश्य देख देवता भी फूल बरसाए
रूप बदल महादेव भी होली खेलन आए
होली में जब उड़े रे अबीर गुलाल
देखो हुए सबके चेहरे लालम लाल।।