माँ
माँ
बचपन में माँ कहती थी बिल्ली रास्ता काटे,
तो बुरा होता है रुक जाना चाहिए…
बचपन में माँ कहती थी बिल्ली रास्ता काटे,
तो बुरा होता है रुक जाना चाहिए…
मैं आज भी रुक जाता हूँ कोई बात है जो
डरा देती है मुझे.. यकीन मानो,
मैं पुराने ख्याल वाला नहीं हूँ…
मैं शगुन-अपशगुन को भी नहीं मानता…
मैं माँ को मानता हूँ।
मैं माँ को मानता हूँ।
दही खाने की आदत मेरी गयी नहीं आज तक..
दही खाने की आदत मेरी गयी नहीं आज तक..
माँ कहती थी घर से दही खाकर
निकलो तो शुभ होता है..
मैं आज भी हर सुबह दही खाकर निकलता हूँ…
मैं शगुन-अपशगुन को भी नहीं मानता….
मैं माँ को मानता हूँ।
मैं माँ को मानता हूँ।
आज भी मैं अँधेरा देखकर डर जाता हूँ,
भूत-प्रेत के किस्से खोफा पैदा करते हैं मुझमें,
जादू,
टोने,
टोटके पर मैं यकीन कर लेता हूँ।
बचपन में माँ कहती थी कुछ होते हैं बुरी नज़र लगाने वाले,
कुछ होते हैं खुशियों में सताने वाले… यकीन मानों,
मैं पुराने ख्याल वाला नहीं हूँ…
मैं शगुन-अपशगुन को भी नहीं मानता….
मैं माँ को मानता हूँ।
मैं माँ को मानता हूँ।
मैंने भगवान को भी नहीं देखा
जमीं पर मैंने अल्लाह को भी नहीं देखा
लोग कहते हैं, नास्तिक हूँ मैं
मैं किसी भगवान को नहीं मानता
लेकिन माँ को मानता हूँ में माँ को।
