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"निर्मूणी"@साहित्यिक कर्नल "संजीव कुमार मुर्मू"

Abstract

4.0  

"निर्मूणी"@साहित्यिक कर्नल "संजीव कुमार मुर्मू"

Abstract

मृगतृष्णा जीवन हावी

मृगतृष्णा जीवन हावी

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मृगतृष्णा जीवन हावी

सोशल मीडिया सोशल  

इर्द-गिर्द..चहलकदमी 

बड़ी...आबादी दुनिया

नई पीढ़ी नजर सोशल  

उपभोक्ता बना..सोशल


स्मार्ट होती पूरी दुनिया 

हरेक पास फोन स्मार्ट  

बैठा सहारे.....अकेला 

घर....अथवा.....पार्क 

जुड़ना चाहता..दुनिया

चाहता होना....प्रसिद्ध


मृगतृष्णा जीवन हावी

सोशल मीडिया सोशल  

इर्द-गिर्द..चहलकदमी 

बड़ी...आबादी दुनिया

नई पीढ़ी नजर सोशल  

उपभोक्ता बना..सोशल


मनोरंजन अथवा पसन्द 

आने वाले अपने फीचर्स 

चाहता देखना और सुनना  

नहीं नकार सकते...सूरत


मृगतृष्णा जीवन हावी

सोशल मीडिया सोशल  

इर्द-गिर्द..चहलकदमी 

बड़ी...आबादी दुनिया

नई पीढ़ी नजर सोशल  

उपभोक्ता बना..सोशल


सोशल मीडिया चकाचौंध

बन चुका जीवन...हिस्सा 

दूरी भी हैं....बहुत जरूरी

सोशल मीडिया के चक्रव्यू

पता ही नहीं कब उलझे हम


मृगतृष्णा जीवन हावी

सोशल मीडिया सोशल  

इर्द-गिर्द..चहलकदमी 

बड़ी...आबादी दुनिया

नई पीढ़ी नजर सोशल  

उपभोक्ता बना..सोशल


सोशल मीडिया के उपयोग 

अपनी सीमाएं और मर्यादाएं 

जिसका ज्ञान और...पालन

बहुत ही बेहद.........जरूरी 

नहीं तो विघटित हो जाएगा 

घर,परिवार,समाज और देश


मृगतृष्णा जीवन हावी

सोशल मीडिया सोशल  

इर्द-गिर्द..चहलकदमी 

बड़ी...आबादी दुनिया

नई पीढ़ी नजर सोशल  

उपभोक्ता बना..सोशल


डिजिटल प्लेटफॉर्म पर 

व्हाट्सऐप,....फेसबुक, 

.......ट्विटर, इंस्टाग्राम, 

लिंक्डइन,......स्नैपचैट, 

यूट्यूब सहित कई तमाम 

अनगिनत......वेबसाइटें 

एक रूप सोशल मीडिया 


मृगतृष्णा जीवन हावी

सोशल मीडिया सोशल  

इर्द-गिर्द..चहलकदमी 

बड़ी...आबादी दुनिया

नई पीढ़ी नजर सोशल  

उपभोक्ता बना..सोशल


एक बार प्रवेश के बाद जहां 

देखते-देखते सुबह से दोपहर, 

दोपहर से शाम,पता ही नहीं 

कब हो जाती ..शाम से रात


मृगतृष्णा जीवन हावी

सोशल मीडिया सोशल  

इर्द-गिर्द..चहलकदमी 

बड़ी...आबादी दुनिया

नई पीढ़ी नजर सोशल  

उपभोक्ता बना..सोशल


देखने में आता है कि हम

अमूमन प्रतिदिन पांच घंटे 

उससे से भी........अधिक 

हमारा........समय अमूल्य  

कर चला जाता.............

हाथ से रेत की तरह फिसल 

हम रह जाते हाथ ही..मलते  


मृगतृष्णा जीवन हावी

सोशल मीडिया सोशल  

इर्द-गिर्द..चहलकदमी 

बड़ी...आबादी दुनिया

नई पीढ़ी नजर सोशल  

उपभोक्ता बना..सोशल


सोशल मीडिया की मृगतृष्णा 

हर कोई वन के मृग की तरह 

जा रहा फंसता और भटकता 

सोशल मीडिया के.....अधिक 

उपयोग हमारी आंखों, दिमाग 

पड़ रहा हैं...........बुरा प्रभाव


मृगतृष्णा जीवन हावी

सोशल मीडिया सोशल  

इर्द-गिर्द..चहलकदमी 

बड़ी...आबादी दुनिया

नई पीढ़ी नजर सोशल  

उपभोक्ता बना..सोशल


सोशल मीडिया सोशल 

जकड़े..वर्चुअल दुनिया 

परिवारों का रहा विघटन, 

पति-पत्नी आपसी कलह, 

डिप्रेशन, मानसिक तनाव 

आ रहे हैं....मामले सामने 


मृगतृष्णा जीवन हावी

सोशल मीडिया सोशल  

इर्द-गिर्द..चहलकदमी 

बड़ी...आबादी दुनिया

नई पीढ़ी नजर सोशल  

उपभोक्ता बना..सोशल


सोशल मीडिया दुष्परिणाम 

रूप उभर कर सामने..आई

विकृत मानसिकता साथ...

बढ़...........रहे......अपराध 


मृगतृष्णा जीवन हावी

सोशल मीडिया सोशल  

इर्द-गिर्द..चहलकदमी 

बड़ी...आबादी दुनिया

नई पीढ़ी नजर सोशल  

उपभोक्ता बना..सोशल


साइबर बुलिंग,.....हैकिंग, 

हेट स्पीच,.......डेटा चोरी, 

बढ़ता जा रहा है....खतरा

सुरक्षा राष्ट्रीय जैसे अपराध

बिना जांच-पड़ताल के मुद्दों 

जाति, धर्म, संप्रदाय में बांट 

वास्तविकता और..संविधान 

दरकिनार करते मूल भावना 


मृगतृष्णा जीवन हावी

सोशल मीडिया सोशल  

इर्द-गिर्द..चहलकदमी 

बड़ी...आबादी दुनिया

नई पीढ़ी नजर सोशल  

उपभोक्ता बना..सोशल


असभ्य एवं अमर्यादित भाषा 

करने लगते टिक्का...टिप्पणी  

युवा किताबों से होकर.....दूर  

मकड़जाल प्रायोजित खबरों 

भ्रमित हो रहे हैं.......फंसकर  


मृगतृष्णा जीवन हावी

सोशल मीडिया सोशल  

इर्द-गिर्द..चहलकदमी 

बड़ी...आबादी दुनिया

नई पीढ़ी नजर सोशल  

उपभोक्ता बना..सोशल


पक्ष........सकारात्मक  

सकारात्मक...भूमिका

सोशल मीडिया सोशल

व्यक्ति, संस्था,...समूह 

देश आदि...सामाजिक 

आर्थिक,....सांस्कृतिक 

बनाया है....जा सकता 

समृद्ध रूप राजनीतिक  


मृगतृष्णा जीवन हावी

सोशल मीडिया सोशल  

इर्द-गिर्द..चहलकदमी 

बड़ी...आबादी दुनिया

नई पीढ़ी नजर सोशल  

उपभोक्ता बना..सोशल।


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