Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

@साहित्यिक कर्नल "निर्मूणी"आदिवासी

Abstract Action Inspirational

4  

@साहित्यिक कर्नल "निर्मूणी"आदिवासी

Abstract Action Inspirational

आजादी की अमृत

आजादी की अमृत

2 mins
300


आजादी की अमृत

महाअमृत महोत्सव 

75वीं.......वर्षगांठ 

हर घर, घर में तिरंगा


देश में काल बवाल

आजादी महा उत्सव 

भाईचारे अखंड एक

फेर रही पानी प्रयास  


आपसी......सौहार्द

भाईचारे को खंडित

देश को विभाजित

कमजोर करने की

रची जा रही साजिशें

नैतिक जमात...राज

फेर रही पानी प्रयास  


लगाते ऊर्जा भरपूर

गवाते मान- मर्यादा

एक पर लगा दूसरे 

मढ़ते रहते..लांछन

तुष्टनीति राजकरण  

करते धार्मिक मतभेद

खांचों में रख दी बांट 


आजादी की अमृत

महाअमृत महोत्सव 

75वीं.......वर्षगांठ 

हर घर, घर में तिरंगा


देश में काल बवाल

आजादी महा उत्सव 

भाईचारे अखंड एक

फेर रही पानी प्रयास  


सामाजिक था भेद 

पूजा पद्धति विधान 

भिन्नताएं और मतों  

मनभेद ना थे...बढ़े 

नफा चक्र नुकसान 

सियासती..विकास 


आजादी की अमृत

महाअमृत महोत्सव 

75वीं.......वर्षगांठ 

हर घर, घर में तिरंगा


देश में काल बवाल

आजादी महा उत्सव 

भाईचारे अखंड एक

फेर रही पानी प्रयास  


विकाश जैसे..उच्च  

जन विषय छोड़कर 

सरोकार....धार्मिक 

तुष्ट आधार...करण 


मजहब अपने धर्म 

मरने और...लड़ाने  

लड़ने...और मारने

सूत्र प्रवृत्ति है पाले


आजादी की अमृत

महाअमृत महोत्सव 

75वीं.......वर्षगांठ 

हर घर, घर में तिरंगा


देश में काल बवाल

आजादी महा उत्सव 

भाईचारे अखंड एक

फेर रही पानी प्रयास  


धर्म विशेष झुकाव 

धर्म के..... मज़हब 

गलत.....कारनामे

संरक्षण...नीति राज

भय बना रहता बोध 


आजादी की अमृत

महाअमृत महोत्सव 

75वीं.......वर्षगांठ 

हर घर, घर में तिरंगा


देश में काल बवाल

आजादी महा उत्सव 

भाईचारे अखंड एक

फेर रही पानी प्रयास  


जनादेश के चक्कर 

ना गलत....ना सही

ना पक्ष....ना विपक्ष 

पक्ष की...तरफदारी  

दूसरा होता..नाराज़

एकता अखण्डता पर

मंडरा रहा हैं खतरा  

धार्मिक......सौहार्द  

चुम्बकत्व.....निर्बल  


आजादी की अमृत

महाअमृत महोत्सव 

75वीं.......वर्षगांठ 

हर घर, घर में तिरंगा


देश में काल बवाल

आजादी महा उत्सव 

भाईचारे अखंड एक

फेर रही पानी प्रयास  


बढ़ता दंगे धार्मिक

कमजोर साम्प्रदाय

चौ तरफा गूंज रहा

सामाजिक धार्मिक 

लगी हैं.....चटकने

एकता की कड़ियाँ


बहुरंगी कई संस्कृति 

एक भारत....महान 

अनेकता ही..एकता

बहस....अब हो रही

हनुमान चालीसा पर 

हो रही अंजान....पर  


आजादी की अमृत

महाअमृत महोत्सव 

75वीं.......वर्षगांठ 

हर घर, घर में तिरंगा


देश में काल बवाल

आजादी महा उत्सव 

भाईचारे अखंड एक

फेर रही पानी प्रयास  


हमें नहीं हैं भूलना 

गुलामी की जंजीरे 

कोशिशें...आज़ादी

वो लड़ाई ना हिन्दू 

ना मुस्लिम...कोई 

एक ही था....धर्म

आज भी धर्म एक 

आज़ाद राष्ट्र भारत  


आपसी भाईचारे 

दायित्व हैं हमारी 

सौहार्द सामाजिक 

तस्वीरें देश की जय

मान सम्मान वैधिक 

छवि हो गई हमारी


आजादी की अमृत

महाअमृत महोत्सव 

75वीं.......वर्षगांठ 

हर घर, घर में तिरंगा


देश में काल बवाल

आजादी महा उत्सव 

भाईचारे अखंड एक

फेर रही पानी प्रयास  


दिन प्रतिदिन वृद्धि 

क्षमतावान शक्तिवान

देशों की...अग्र गण्य

श्रेणी विश्व वैश्विक 

दिख रही है हमारी

मामले कोई क्रिया 

विश्व हैं निगाहबाज़ 

क्रियापर हमारी प्रति


आजादी की अमृत

महाअमृत महोत्सव 

75वीं.......वर्षगांठ 

हर घर, घर में तिरंगा


देश में काल बवाल

आजादी महा उत्सव 

भाईचारे अखंड एक

फेर रही पानी प्रयास  


आजादी की अमृत

महाअमृत महोत्सव 

75वीं.......वर्षगांठ 

हर घर, घर में तिरंगा



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract