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Nirdosh Jain

Romance

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Nirdosh Jain

Romance

चल गांव की सैर करा दूं

चल गांव की सैर करा दूं

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सुन मैडम भोली भाली

सुन सुन मेरी ओ घरवाली

चल गावं की सैर करा दूँ

धरती की जन्नत दिखा दूँ

जन्म भूमि तुम्हें दिखा दूँ

जहां पर पढ़ा लिखा म़ैं

चल वो स्कूल दिखा दूँ

खेला कूदा बड़ा हुवा

जहां आज भी धरती माता

उगलती है हीरे मोती

वो खेत खलिहान दिखा दूँ

चलते है बैल जब खेतों में

घुँगरु की आवाज सुना दूँ

चल भारत दर्शन करा दूँ

बागों की सैर करा दूँ

आम ,अमरूद तुम्हें खिला दूँ

अन्न दाता।से तुझे मिला दूँ

चल गांव की सैर करा दूँ ॥

सुनो सुनो जी मेरे मिस्टर

म़ैं गांव ,बाँव ना जाऊँ

दिल्ली, बॉम्बे की सैर करा दे

कलकत्ता मुझे घुमा दे

हवाई जहाज में मुझे चढ़ा दे

म़ैं गांव बाँव ना जाऊँ

शिमला, कश्मीर दिखा दे

सुन सुन ले ओ घरवाली

सुन मैडम शहर वाली

चल गावं की सैर करा दूँ

नदिया किनारे मेरा गांव

तुझे नौका से सैर करा दूँ

बागों में झूलें झूला दूँ

पुरखों की कर्म भूमि के

चलो दर्शन तुझे करा दूँ

जहां सब रहते थे साथ साथ

वो घर आंगन दिखा दूँ

जहां बहती प्यार की गंगा

वो अपना तीर्थ दिखा दूँ

पुरखों का मंदिर दिखा दूँ

चल गावं की सैर करा दूँ।



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