कमाल करते हो
कमाल करते हो
बेइंतिहा दर्द देकर - मेरे अश्कों से सवाल करते हो,
और कहते हो मोहब्बत है मुझसे? यार तुम भी कमाल करते हो..
ज़रा सी बात पे रूठ जाते हो अक्सर -क्यूं इतना बवाल करते हो,
और कहते हो इश्क में ये सब जायज़ है, यार तुम भी कमाल करते हो..
खेलते हो दिल से मेरे इसे खिलौना जानकर- क्यूँ इतना धमाल करते हो,
और कहते हो टूट कर फिर जुड़ जाएगा ये, यार तुम भी कमाल करते हो..
ज़ख़्म देकर फिर मरहम लगाते हो- क्यूँ इतना ख्याल करते हो,
हर आह में हस देते हो अक्सर, यार तुम भी कमाल करते हो..
चाहते तो थे कि बर्बाद हो जाऊँ मैं- फिर क्यूँ मलाल करते हो,
और अब फूल चडाते हो कब्र पर मेरी, यार तुम भी कमाल करते हो..