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ayush jain

Romance Classics

3  

ayush jain

Romance Classics

होली-गुलाल

होली-गुलाल

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सारे शहर में मच रहा अब यही बवाल है,

मुझे छोर मुझ सा ही ढूँढा है तूने - यार तू भी कमाल है


कुछ ना पूछूँगा फिर तुझसे बस ये आखिरी सवाल है,

सच मे रोये हो या ये आंखें यूहीं लाल हैं


तेरे बिना फिर वही होली इसी बात का मलाल है,

तेरे गुलाबी गालों के आगे फीका हर गुलाल है।


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