STORYMIRROR

Niranjan kumar 'Munna'

Romance

4  

Niranjan kumar 'Munna'

Romance

साथ चलते हैं

साथ चलते हैं

1 min
298

चलो आज कुछ दुर... 

हम दोनों साथ चलते हैं, 

कुछ पल साथ जीते हैं , 

आज कुछ ख्वाब बुनते हैं। 


वर्षों से छूपा रखे थे जो, 

आज वहीं बात करते हैं। 

मोहब्बत की वहीं बातें, 

चाहत की वहीं रातें, 

चलों आज फिर से,

एक नयी शुरुआत करते हैं। 


चांदनी रात की, 

कोमल आज छाया बर्षती हैं, 

दिल में सिर्फ, 

आज तेरे लिए मोहब्बत बस्ती हैं। 


खामोश है... 

जो रात की मंजर, 

शायद कुछ हमें सुनाती हैं।

एक-दूजे में खो जाय, 

यही धड़कन भी कहती हैं।


तू मुझको मुझसे...

चुरा लेना...

मैं तुझको तुझसे, 

चुरा लुंगा..। 


एक दुसरे को... 

दिल में आज... 

कुछ इस कदर... 

छूपा लेंगे...

न तुम, तुम ही रहोगे...

न मैं, मैं हीं रहुंगा।


मैं और तू मिलकर... 

आज हम हो जायेंगे। 

हर जन्म के साथी थे, 

तेरी बात सफल कर जायेंगे।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance