तू मोहब्बत हो
तू मोहब्बत हो
तू मेरी मोहब्बत हो,
तू मेरी इनायत हो,
दिल की घड़कनों में,
तेरी ही इबादत हो।
मेरे दिल की गहराई में,
तू झांक कर तो देख लेना,
हर सांसों की तान में
तू ही तू की झनकार हो।
समंदर से भी गहरी है मेरी,
अॉंसुओं का जो दरिया है,
आज इस दरिया से,
तुझे डूब कर जो जाना है।
तू कभी मेरी जगह,
खुद को रखकर देख लेना।
कितने दर्द सहे है,
सोचकर तो देख लेना।
जब भी मैं तुझे देखता हूं,
अॉंसुओं का जब्त कर जाता हूं।
दिल में जो दर्द है,
उसे न कह पाता हूं।।
तू मुझे प्यार कर,
या न कर।
मैं तेरी एक हंसी पर,
सब कुर्बान कर जाता हूँ।।