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ayush jain

Others

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ayush jain

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गम हैं

गम हैं

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जुबान खामोश और आँखें नम हैं,

तुम्हें कैसे बताये कितने दर्द में हम हैं..


जहाँ देखो वहां खुशियों की सौगात दिखाई देती है,

एक हम बदनसीब हैं जिसके हिस्से में इतने ग़म हैं..


बेशक ले इम्तिहान मेरी सच्ची मोहब्बत का तू,

बेइंतहा चाहेंगे तुझे जब तक दम है..


बहुत रुलायेगी मुझे हकीकत उस बेवफा की ,

खुश हूं मैं जब तक ये भरम है..


हकीकत में नहीं मिलता वो इसपे गिला क्या करें

'आयुष', ख्वाबों में आता है ये क्या कम है..



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