पर मतलब तुम्हारे बोलने का तब भी नहीं होगा, पर मतलब तुम्हारे बोलने का तब भी नहीं होगा,
खामोशियाँ तेरे मेरे दरमियां, एक अनजान रिश्ता बनाती है। खामोशियाँ तेरे मेरे दरमियां, एक अनजान रिश्ता बनाती है।
काश मेरी कलम की स्याही से मेरे जज़्बात समझ पाए लोग। काश मेरी कलम की स्याही से मेरे जज़्बात समझ पाए लोग।
कि झूठ की वो दोस्ती क़ुबूल है नहीं मग़र चुनौतियों भरी वो यार दुश्मनी क़ुबूल है। कि झूठ की वो दोस्ती क़ुबूल है नहीं मग़र चुनौतियों भरी वो यार दुश्मनी क़ुबूल है...
हम जिए कुछ ही साल पर याद रखें लोग हजारों साल। हम जिए कुछ ही साल पर याद रखें लोग हजारों साल।
उर्दू फारसी अरबी इंगलिश सबको दिया शरण माता हिन्दी को नमन। उर्दू फारसी अरबी इंगलिश सबको दिया शरण माता हिन्दी को नमन।