पर मतलब तुम्हारे बोलने का तब भी नहीं होगा, पर मतलब तुम्हारे बोलने का तब भी नहीं होगा,
अपना बना कर भी अपनापन नहीं दिखाती है उनकी यही अदा तो और और दिवाना बनाती है। अपना बना कर भी अपनापन नहीं दिखाती है उनकी यही अदा तो और और दिवाना बनाती है।
तमाशा बहुत करते थे। तमाशा बहुत करते थे।
कब आपको दीवाना बना जाता है। कब आपको दीवाना बना जाता है।
जिन्दगी की शाम यूँ ही ढल न जाए, लौट चलते हैं गांव रात होने से पहले। जिन्दगी की शाम यूँ ही ढल न जाए, लौट चलते हैं गांव रात होने से पहले।
क़ैद कर लेने की फ़ितरत हो जिसकी उसको क़ैद बड़ी ख़लती! क़ैद कर लेने की फ़ितरत हो जिसकी उसको क़ैद बड़ी ख़लती!