हिन्दी कविता- माता हिन्दी को न
हिन्दी कविता- माता हिन्दी को न
हिन्द को नमन भाषा माता हिन्दी को नमन
पिरोया एक सूत्र हर भाषा भाषी को चमन
माता हिन्दी को नमन।
गांधी शुभाष तिलक भगत आजाद सवारते थे तुझे
प्रेमचंद निराला दिनकर वर्मा माँ पुकारते थे तुझे
हमारी शान हमारी आन जान भारत को नमन
माता हिन्दी को नमन।
जाती धर्म मजहब भेद नहीं तू किसी करती है
मिले बनके भाई बोली जुबान हिन्दी निकलती है
तुझपे न्योछावर जान भारत पहचान तुझे नमन
माता हिन्दी को नमन।
बिहार बंगाल झारखंड उड़ीसा दिलों मे छाती है
यू पी पंजाब दिल्ली गीत हिन्द माँ तू खूब गाती है
हिन्दी हिन्द की जुबान माँ तेरा करे भारती वंदन
माता हिन्दी को नमन।
बनके गीता पुराण रामयण हर हिन्द तू पुजाती है
सुलाने आपने बच्चो गाके मीठी लोरिया सुनाती है
उर्दू फारसी अरबी इंगलिश सबको दिया शरण
माता हिन्दी को नमन।
