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Priyanka Vegda

Abstract

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Priyanka Vegda

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कलम ओर खयाल- कविता

कलम ओर खयाल- कविता

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जुबान से नहीं लेकिन कलम से

जाहिर होती हैं बातें जरा गौर फरमाए।


थोड़ा सा ख्याल रख लीजिएगा जनाब

दिल की बातें दिल तक पहुँच जाए।


शब्दों से बातें कर के भी बेजुबान हो गए थे,

कलम से बातें कर के ही दीवाने हो चले थे।


दिल की बातें कभी नहीं समझ पाए लोग,

काश मेरी कलम की स्याही से

मेरे जज़्बात समझ पाए लोग।


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