प्यार या नफरत?
प्यार या नफरत?
ऐसी कौनसी ज़िद या नाराजगी है
तुम्हारी की बेवजह या कोई वजह से ही चुप हो,
कहने के लिए बहुत कुछ कहा था
या सिर्फ वो बातें ही थी जो मैंने ही सच मान ली हो।
पूरी ज़िंदगी साथ चलने की उम्मीद तो नहीं इस दौर में,
बस चंद लम्हे दे सको खुशी के वो ही एहसान कर लो मुझ पे।
अगर हिम्मत हो तो ही किसी को अपनी ज़िंदगी में लाना,
अगर हिम्मत हो तो ही किसी को अपना बनाना।