अजीब सी दोस्त है मेरी, हमेशा कुछ ना कुछ उलझन में रहती है, अजीब सी दोस्त है मेरी, हमेशा कुछ ना कुछ उलझन में रहती है,
वो सुकूँ वाला फिर शाम दे एक हसीं अब अंजाम दे. वो सुकूँ वाला फिर शाम दे एक हसीं अब अंजाम दे.
आंखें बंद चट्टानी ज़ज्बात सुकून में लिपटी... वो कहानी .. आंखें बंद चट्टानी ज़ज्बात सुकून में लिपटी... वो कहानी ..
शायद ख़्वाबों के संग अपने सुकून से भी मुलाक़ात कर पाओ ! शायद ख़्वाबों के संग अपने सुकून से भी मुलाक़ात कर पाओ !