सुकूँ
सुकूँ
वो सुकूँ वाला फिर शाम दे एक हसीं अब अंजाम दे
अकेलेपन से डर लगने लगा किसी को तो मेरे नाम दे
मुस्कुराने के चाहत मे है चेहरे मे एक मुस्कान दे
वक्त का इंतजार कितना करू बदलेगा दौर ऐसा कोई निशान दे
रख ले मेरी जिंदगी भले, पर एक प्यारा सा जहाँ दे
नही चाहिए अब इस शहर का शोर
एक छोटी सी जगह मे खुशियाँ हो
फिर चाहे तु मुझे शमशान दे
पर बदले मे मुझे मेरी वो सुकूँ वाली शाम दे.
