अजीब सी दोस्त है मेरी, हमेशा कुछ ना कुछ उलझन में रहती है, अजीब सी दोस्त है मेरी, हमेशा कुछ ना कुछ उलझन में रहती है,
मंदिर-मस्ज़िद जाना बंद, आप ही बुत हो गई। मंदिर-मस्ज़िद जाना बंद, आप ही बुत हो गई।