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Sonias Diary

Abstract

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Sonias Diary

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दोस्त ज़रूरी है

दोस्त ज़रूरी है

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बात करने से पहले

सोचना पड़ता है....

अपनों संग रिश्तों संग

उलझ जाता है

दिल और दिमाग़


सोचने में

समझाने में

बोलने में...

मगर दोस्तों संग


ओए ! इधर आ

दिमाग़ बंद !

दिल खुल जाता है

हाथ भी खुलते हैं


ज़ुबान भी ...

हम हम बन जाते हैं

ठहाके और मस्ती

और सिर्फ

प्यार, घूसे और लात।


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