यार हम क्या है?
यार हम क्या है?
यार हम क्या हैं ?
दोस्त हैं ?
अच्छे वाले दोस्त हैं ?
या फिर बोहोत अच्छे वाले दोस्त हैं?
या फिर कुछ नहीं?
या फिर बोहोत कुछ।।।
ये सारे सवाल मेरे दिमाग में नहीं आने चाहिए ऐसा तुम कहोगे ,
पर क्या करू मैं भी आ जाते है सवाल दिमाग में कभी कभी।
जब तुम मुझे कहते हो,
कुछ नहीं हुआ और तब आप उदास होते हो।
और यही बात में बोलती तो आप मुझे कहते हो,
तब तुम मुझे बाते छिपाने लगी हो।
कभी कभी ऐशा जताते हो में कितनी स्पेशियल हूँ आपके लिए,
और कभी कुछ ऐशा बोल देते हो की मैं कुछ भी नहीं हूँ आपके लिए।
कभी मेरे मेसेज को इग्नोर करना,
और कभी मेरे कॉल को भी,
अगर आप सच में बिजी हो तो,
बोल दोना में काम में हूं।
मैं नहीं परेशान करूंगी आपको,
पर आप इग्नोर करके ऐशा फील करवा रहे हो कि,
मैं कुछ भी नहीं हू आपके लिए।
कभी कभी झूठ बोल देते हो,
कभी कुछ बातें भी अच्छी तरह से छिपा लेते हो,
पर जब मुझे ये बात पता चलती हे तब,
मुझे कैसा महसूस होता होंगा या फिर में हर्ट होंगी या नहीं ये पता है आपको ?
कैसे पता होंगा आपको की में हर्ट हुई या नहीं ,क्योंकि,
आप तो मुझे अपने मन कि तरह ट्रीट करते हो ना,
आप कभी भी ये नहीं समझ सकते ना कि,
मुझे कितना बुरा लगता होंगा,
ये सोच के कि,
मुझे पता ही नहीं है में क्या हूँ आपके लिए?