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SHAMANA GONDALIA

Abstract Classics Inspirational

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SHAMANA GONDALIA

Abstract Classics Inspirational

मंज़िल 🔥

मंज़िल 🔥

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माना, न हुई कामियाब हर कोशिश तेरी,

पर भरोसा रख, तु नाकामियाब भी नहीं रही


संभल जा ज़रा, कुछ वक्त रुक जा ज़रा,

दौर तेरा भी आएगा, बस ठहर जा थोड़ा


न हो मायूस, न छोड़ तेरी आश,

तु भी मुस्कुराएगी, सबर कर ले थोड़ा


दिन तेरा भी उठेगा, रात उनकी भी ढलेगी,

बस एक शाम के लिए, तू थम जा ज़रा


हर मंज़िल मिलेगी तुझे, जिनकी हकदार है तु,

बस तेरे रास्तों पर तु यक़ीन कर थोड़ा !


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