कुछ तो है नाता
कुछ तो है नाता
कुछ तो है नाता तेरा मेरा
जो तू लगता है हर दिन प्यारा
जीवन के हर रंग को अपनाया है तूने..
हमेशा कुछ अपना-सा पाया मैंने तुझमें..
खामोश रहता है तू कुछ मेरे जैसा
अपनी ही धुन में मगन एक प्यारा गीत जैसा
तेरी आगोश में आकर ढूंढा मैंने खुद को
तेरी ही पलकों पे पाया मैंने खुद को
हँसना सिखाया तूने साथ निभाकर
प्यार के एहसास को मुझमें जगाकर
खोया हुआ एक इन्सां को राह दिखाया तूने
तेरी बाँहों में आकर सुकून पाया मैंने
ज़िन्दगी के मतलब को समझा है मैंने
तेरे वजूद को समेटा है खुद में
सफ़ेद चादर ओढ़़े कुछ गुनगुनाता है तू
मेरे जैसा, कुछ अपना सा लगता है तू I