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PRIYA SHARMA पँखुड़ी

Classics Fantasy Inspirational

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PRIYA SHARMA पँखुड़ी

Classics Fantasy Inspirational

दरवाजे सी खिड़कियाँ

दरवाजे सी खिड़कियाँ

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कुछ खिड़कियाँ सिर्फ खिड़कियाँ नही 

दरवाजें होती हैं,

जो लेकर जाती है हमें उस पार,

जहाँ दुनिया का हर दरवाजा बंद हो जाता हैं


वहाँ उम्मीदों का चाँद, अंगड़ाईयाँ लेता है 

ख्वाबों का समंदर, बेहिसाब बहता है

रात का कालापन, 

जब अहंकार की चोटी पर होता है


तब जुगनुओं का नन्हा देश, 

विजय की ध्वजा लेकर,

अहं की चोटी का नाश करता है

फिर आगाज़ होता है नये‌ संकल्पों का,


नयी सुबह का, जो राह तकते है सूरज की

एक विश्वास की, जिसकी पहली किरन,

हौले से उस खिड़की के अंदर जाये 

जो केवल खिड़की नही दरवाजा है।


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