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PRIYA SHARMA पँखुड़ी

Abstract Inspirational Others

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PRIYA SHARMA पँखुड़ी

Abstract Inspirational Others

खारा जीवन

खारा जीवन

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समन्दर होना आसान नहीं

खारा होकर जीना है

गहराई में उतरना कभी

हर वो चीज़ समेटे है

जो दुत्कार दी गई

मलिनता का घूँट भर

सीप उगले है जिसने

नदियों को तीर्थ बनाकर

खुद खारा बन बैठा

चप्पू के वार सहे

रार जहाजों से उसकी

फिर भी चुप्पी साधकर

किनारा सबको सौंप रहा

मीलों फैली बेचैनियों को

ज्वालामुखी सा ढोता वह

कितने ही जीवन गर्भ में लेकर

गवाह सांसो की दे रहा 



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