हम खड़े बुत से बस मुस्कुराते रहे वो दिल पर निशाने लगाते रहे। हम खड़े बुत से बस मुस्कुराते रहे वो दिल पर निशाने लगाते रहे।
सीप उगले है जिसने नदियों को तीर्थ बनाकर सीप उगले है जिसने नदियों को तीर्थ बनाकर