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Bhavna Thaker

Abstract

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Bhavna Thaker

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अभिनंदन को अभिनंदन

अभिनंदन को अभिनंदन

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माँ भारत ने कहा मुस्कुराते 

तू मेरा बहादुर बेटा है


अभिनंदन अनमोल है तू 

इस देश की मांग का टीका है


सरफ़रोशी सीखे कोई तुमसे

देश का फ़ख्र है लाजमी 


दुश्मन ने भी तुम्हारा जज़बा 

अपनी आँखों से देखा है 


जाँबाज़ी का जश्न मनाओ

मेरे देश वासियों


दुश्मन के सख़्त शिकंजे से

एक वीर वापस लौटा है।


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