अजनबी
अजनबी
अजनबी थे हम कभी,
आज एक- दूसरे की हमनसी बन गए !
मोहब्बत की ऐसी मुलाकात हुई की,
एक-दूसरे की दिलकशी बन गए।
अनजान बनकर मिले थे हम कभी
आज एक-दूसरे की जान बन गए।
ऐसी कहानी जुड़ी हमारी की आज,
हम इश्क की अमिट दास्तान बन गए।
ऐसी लगन लगी हमारी की आज
हम एक- दूसरे की पहचान बन गए।
अजनबी थे हम कभी,
मगर आज हम एक-दूसरे की हमनसी बन गए !
प्रेम की बगिया में खिलकर हम,
आज खिलती दिलकशी बन गए।
अनजान बनकर मिले थे हम कभी,
ईश्वर का या वक़्त का ऐसी बयार बही
आज हम एक-दूसरे की जान बन गए !