शुभ जन्मदिन बेटी का
शुभ जन्मदिन बेटी का
ख़ुशी लाये मेरी बेटी का जन्मदिन
कितनी गौरव शाली यह दिन,
कितना ध्यान वह रखती है मेरा
हर समय मदद करती है मेरी।
याद है जब वह पैदा हुई थी
कितनी पीड़ा मैंने सही थी,
ऊपर से रिश्तेदारों के तीखे प्रहार
कोई कहे ‘पत्थर पड़ गये’।
‘फिर लड़की हो गई
एक लड़का भगवान् दे देता,
कोई बात नहीं ,अगली बार
भगवान् कृपा कर बेटा देंगे।’
एक तो प्रसव- पीड़ा
दूसरे सास की बेरुख़ी,
कन्या जन्म पर कोई ख़ुशी नहीं
बोलीं ‘दूसरी भी लड़की आ गई’।
मुझे लगा बुरा
सोचा ‘बेटी पैदा हुई मुझे
तकलीफ़ हुई दूसरों को,
क्या बेटी होना इतना दुःखदायी ?
तभी निश्चय किया मैंने
मेरी बेटी बेटे से बढ़कर होगी,
शिक्षा में पूरी मेहनत करेगी
स्वावलम्बन का पाठ पढ़ेगी।
भगवान् ने प्रार्थना सुन ली
बेटी ऐसी होनहार हुई
कि सपने सारे सच हुए उसके
वह प्रशासनिक सेवा में अव्वल आई।
आज वह ऊँची अफ़सर है
उसका जन्म-दिन धूमधाम से मनता,
वह मेरा, परिवार का, सबका
गौरव है, स्वाभिमान से दमकती है।