नारी की हिम्मत
नारी की हिम्मत
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छलकती आँखें नारी की देखी है,
बेदर्द ज़माने की बेरूखी देखी है।
नारी करती हमेशा संघर्ष देखी है,
नारी की सहने की शक्ति देखी है।
नारी की हिम्मत बहुत ही देखी है,
नारी सबकुछ बर्दाश्त करें देखी है।
प्यार ही सदा बाँटते हमनें देखी है,
माँ की ममता हमेशा हमनें देखी है।
रातों को छुप-छुप कर रोते देखी है,
हर एक औरत देवी रूप में देखी है।
ये सृष्टि नारी बिन ख़्वाब में देखी है,
नारी नहीं होती तबाही ही देखी है।