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Writer Nishant

Tragedy Action

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Writer Nishant

Tragedy Action

शायद कुछ कहना चाहती थी

शायद कुछ कहना चाहती थी

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ना तूने सोचा था ना मैंने 

क्या से क्या हो गया

बस्स देखते देखते


ना तूने कहा ना मैंने कहा 

दिल की बाते लब्जो में बंया हो सके   

पहले तू पहले तुम के चक्कर में 


भूली बिखरी यादे ,वो सौगाते 

तू तो चली गई यूँही 

शायद कुछ कहना चाहती थी


कह ना पाई या मैंने सुना नहीं 

अजबसी घुटन हैं अब तो 

कह सकते हैं ना सह सकते हैं 


यह कैसा प्यार तेरा ?

भूल न चाहे तुम्हे तो 

उतनी ही याद आये 


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