अजनबी
अजनबी
एक दौर था...
जब लोगों का एक दूसरे पर था विश्वास...
राह चलते भी कोई मदद करता था...
तब रामराज्य नहीं था...
पर तब संस्कारों का सही अर्थ सब जानते समझते थे...।।१।।
आज की पीढ़ी को भी संस्कार के पाठ पढ़ाये गये हैं...
पर सोच विचार बदल गये हैं...
इंसानियत मनुष्य खो चुका है...
अपने लिए इंसान जीने लगा है...
दो मनुष्यों के बीच विश्वास कम हो गया है...।।२।।
एक दूसरे को पहचानने वाले...
अब अजनबी बन गये हैं...
और एक दूसरे को मदद करने वाले हाथ ही कम हो गये हैं...
और कोई गर ऐसा मिल गया...
तो विश्वास घटता नजर आता है...
इंसान अजनबी रहना पसंद करता है...।।३।।