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Sonam Kewat

Romance Tragedy

3  

Sonam Kewat

Romance Tragedy

कैसे कहूँ ?

कैसे कहूँ ?

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ना जाने कितने दिन हुए 

दिल की बात छुपाए हुए 

कहीं राज दबा कर रखे हैं और

अरसों से छुपाए हुए 


तुम अपनों से लगते हो इसलिए 

बताने का दिल कर रहा है 

इस वक्त भी तुम ही साथ हो 

बाकियों को वक्त कहां है 


मैंने किसी को कभी दिल नहीं दिया 

पर अब तुम्हें खोने को मन कर रहा है 

बहुत जी लिया खुद के खातिर 

तेरा होने को मन कर रहा है 


क्या तूने गौर से कभी भी

मेरी आंखों में देखा है 

इनमें वही हकीकत है 

जो मैंने सपनों में देखा है 


कैसे कहूँ कि तेरे बिना अब यूं 

अकेले रहने को दिल नहीं चाहता है 

कहने को तो बहुत कुछ है पर 

तू सामने हो तो दिल कह नहीं पाता है


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