मृत्यु
मृत्यु
मेरे पास बैठने के लिए...
कभी...
दो मिनट की फुर्सत नहीं थी...
आज सब मेरे पास बैठे हैं ।।१।।
आज तक कभी किसी ने तोहफा नहीं दिया...
आज सभी मेरे लिए...
फूल, फूलों का हार लेकर आए हैं ।।२।।
तरसता था कभी...
किसी के हाथों के स्पर्श लिए...
आज हर कोई एक के बाद एक...
मुझे कंधा दिये जा रहे हैं ।।३।।
दो कदम मेरे साथ...
कभी चले नहीं जो...
आज जमघट बनाकर...
साथ चल रहे हैं सभी ।।४।।
जिंदगी जीने के बाद ये जाना...
मृत्यु की सुंदरता को...
ना जाने क्यों...
जी रहा था मैं...
जिंदगी सुंदर है...
यह कहते हुए ।।५।।