STORYMIRROR

Dinesh Dubey

Romance Tragedy

4  

Dinesh Dubey

Romance Tragedy

आखिरी मुलाकात

आखिरी मुलाकात

1 min
378

नम आंखो से उसने मुझसे,

अलविदा कहा था,

दुबारा न मिलने की उसने,

खूब सजा दिया था,


में तो रहता था अपनी मस्ती में,

उस मस्ती का मजा दिया था उसने,

उसके जाने के बाद अहसास हुआ,

उसके न होने का, 


एक ही झटके में दिल तार तार,

हुआ था मेरा,

जब आखिरी मुलाकात का,

अहसास हुआ था,


तब उसके प्यार का मुझको भी,

खूब याद आया था,

उसको याद कर पूरी रात,

जार जार मैं खूब रोया था।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance