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Manisha Wandhare

Tragedy

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Manisha Wandhare

Tragedy

बाकी है

बाकी है

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देखे जो सपने कई,

कुछ ख्वाब अधूरे बाकी है,

जीया जिंदगी को फिरभी,

जीने के पल बाकी है ...


दिन नहीं हुआ अभितक,

रात बाकी है,

और क्या कहे आपसे,

ख्वाईशे बाकी है ...


गलीयों से तेरी गुजरते रहे हम,

रास्ते फिरभी बाकी है,

हर मोड से पुछाँ हमने,

और मुडना बाकी है...


सितारें चमके रातभर,

और चमकना बाकी है,

किरणें जब आई झूमके,

बोली निखरना बाकी है ...


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