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Alka Thakur

Tragedy

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Alka Thakur

Tragedy

जन्मदिन

जन्मदिन

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आज मेरा जन्मदिन फिर से है आया!

लेकिन माँ आज तुम्हारी हाथो की बनी खुशबू नहीं लाया!

आज फिर एक साल मेरे जीवन का आगे है बढ़ आया!

लेकिन माँ आज वह तुम्हारे हाथों का अपने सर पे स्पर्श नहीं पाया!

आज के इस दिन उठते ही माँ मैं तुझे फिर से देख नहीं पाई!

लेकिन बार-बार अपने फोन की घंटी सुन तेरी याद बहुत है आई!

अपने आँखों में आये इन आंसुओ को बड़ी मुश्किल से रही छुपाई!

माँ पापा आप दोनों के बिना ये दिन बड़ा रहा हैं खाली!

आप दोनों से ही तो ये जिंदगी है मैंने पाई!

जहाँ रहे वहाँ खुश रहे आपके लिए दुआए कर रही मैं ये सारी!

बस एक ख्वाहिश है आपकी इस बेटी के दिल की बड़ी पुरानी!

बस मेरे हर जन्मदिन पर बेटी कह कर आप दोनों मुझे पुकारे!


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