प्यार
प्यार
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सोचों के बगीचे में जब फूल खिल जाए,
धड़कने किसी के नाम पर जब धड़कने लग जाए,
पलके जब खुद झुक जाए,
मेरे लबो पर खुद ब खुद किसी का नाम आ जाए,
शायद यही प्यार है।
जब जज्बात किसी से जुड़ जाए,
ख्वाब आँखों में जब हर पल बस जाएं,
लब जब हर पल युही गुनगुनाए,
जब ख्वाहिशें अपने पंख फैलाए,
जब आस की डोर किसी से बंध जाए,
शायद यही प्यार है।
सावन जब रिमझिम बूँदें बरसाए,
जब कोई टूट कर याद आए,
जब किसी से दूर होने पे दिल बेचैन हो जाए,
जब किसी की याद में आँखें आँसुओं से भर जाए,
शायद यही प्यार है।