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vaishali Gurav

Abstract

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vaishali Gurav

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तुम आगे बढ रहे हो

तुम आगे बढ रहे हो

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बार बार ये रोकेंगे

मुश्किलें ही मुश्किलें पैदा करेंगे

कभी निराश मत होना

समझना तुम आगे बढ रहे हो !


पीठ पीछे बुराई करेंगे

सामने आके खुब सराहना करेंगे

उनके बहकावे में आना मत

समझना तुम आगे बढ रहे हो


चुपकेसे चुगली कर के जायेंगे

कोशिश उनकी जारी रखेंगे

कभी खुद को कम आंकना मत

समझना तुम आगे बढ रहे हो

पत्थर पत्थर राहो में हो

दिखता कुछ भी आसान न हो

फिर भी हार के कभी रूकना मत

समझना तुम आगे बढ रहे हो


अपने देंगे हरदम साथ

पराये छोड़े भले ही हाथ

मंजिल दूर देख घबराना मत

समझना तुम आगे बढ़ रहे हो


कभी पतवार ढीली होने लगे

उम्मीद हाथ से छुटती दिखे

ढल रहे हो समझना मत

समझना फिरसे उग रहे हो !


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