सैनिक
सैनिक
जिसने अपना सबकुछ त्यागा, देश की आन बचाने को !
सरहद पर लड़ने वालो की, मैं याद दिलाने आई हूँ !
बूढी माँ घर पर रोती, एक झलक पाने को !
सैनिक बेटे को कहाँ समय हैं, माँ के दर्शन पाने को !
देश के लिए मर मिटते हैं, घर वाले रोते हैं !
सैनिक भी एक इन्सां ही हैं, उनका भी एक दिल हैं !
जब भी घर की याद सताए, दिल ही दिल रोते हैं !
देश के बाहर के दुश्मन से, वे हर पल लड़ते हैं !
देश के अन्दर जब दंगा हो, तो वे दौरे आते हैं !
पत्थर खाते लाठी खाते, और गोली खाते हैं !
कभी न हटते सदा ही लड़ते, दुश्मन से हमें बचाते हैं !
जब हम अपने घर में ख़ुशी मनाते, वे गोली खाते हैं !
जब हम होली ईद मनाते, वे अपना रक्त बहाते हैं !
देश की रक्षा करते-करते, वे अपनी जान गवाते हैं !
अगर सैनिक ना होते, तो सोचो क्या जीवन होता !
हर कोई डर-डर कर जीता, जीवन छन-भंगुर हो जाता !
सैनिक तुम तो देवदूत हो, हम सब देश के लोगों के !
तेरा यह कर्ज चूका ना पाऊं, चाहे जितना जतन कर लूं !
हे देश के वीर सैनिको, तुझको शत-शत नमन हैं !
तेरा जीवन देश के खातिर, और देश तेरा ऋणी हैं !