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Rajeev Kumar Srivastava

Tragedy Classics

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Rajeev Kumar Srivastava

Tragedy Classics

ऐसे – कैसे

ऐसे – कैसे

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बहुत ना इंसाफ़ी है

बहुते ही ना इंसाफ़ी है

ये जो होना था

ये जो हुआ है,


ऐसे क्यू हुआ है

ऐसा न होना था,

ऐसे न होना था

रात गई मेरी


चैन गया मेरा

खुशियों का वो क्रम

टूट गया मेरा

कौन है जिम्मेवार इसका

किसे कहूं कसूरवार इसका

कोई बतायें मुझे

कोई समझाये मुझे

बहुत ना इंसाफ़ी है

बहुते ही ना इंसाफ़ी है।


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