मेरी गलतियां
मेरी गलतियां
ना जाने क्या क्या गलतियां की हैं मैंने
याद नहीं हैं कि क्या गलतियां की हैं मैंने
पहली है कि शायद सबको अपना माना मैंने
अपने क्या अपनों से बढ़कर उन्हें माना मैंने
सिखाया है सबक सबने मिलकर मुझे
दुश्मनों से भी ज्यादा सताया है मुझे
ना जाने क्या क्या गलतियां की हैं मैंने
अपने हिस्से की रोटी भी उन्हें खिलाई हैं मैंने
मुसीबत में अपनी चौखट से भगाया है मुझे
ना जाने क्या क्या गलतियां की हैं मैंने!
