टेंशन – लाइफ
टेंशन – लाइफ
लाइफ में टेंशन ही टेंशन
फिर झगड़ा काहे को!
किसी को खाने का टेंशन,
किसी को रहने का टेंशन,
किसी को सोने का टेंशन,
किसी को रोने का टेंशन,
इतने सारे टेंशन,
फिर झगड़ा काहे को।
किसी को शादी का टेंशन,
किसी को बरबादी का टेंशन,
किसी को ऑफिस जाने का टेंशन,
किसी को ऑफिस से आने का टेंशन,
किसी को बच्चे ना होने का टेंशन,
किसी को बच्चों को सम्हालने का टेंशन,
किसी को घर बनवाने का टेंशन,
किसी को घर तुड़वाने का टेंशन,
टेंशन ही टेंशन,
फिर झगड़ा कहे को।
किसी को घर में आने का टेंशन,
किसी को घर से जाने का टेंशन,
किसी के घर पे आने का टेंशन,
फिर उनके चले जाने पे टेंशन,
कोई घर पे आए तो टेंशन,
कोई ना आए तो टेंशन,
कोई बात करे तो टेंशन,
कोई बात न करे तो टेंशन,
अरे भाई इतने सारे टेंशन,
फिर झगड़ा काहे को।
लाइफ में तो हैं और भी बड़े टेंशन।
मुस्कुराओ और आगे बढ़ो,
टेंशन को छोड़ दो।