ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
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आसान कुछ भी
नहीं है ज़माने में,
ना जीना
ना मरना।
कभी किसी की
खिलाफत ना करना,
ना ज़िंदा होने का
गुरूर करना और
ना ही मौत से खेलना।
शरीर से लाचार बना कर
बैठा देगी बिस्तर पर
ये ज़िन्दगी जैसी है
जितनी है बस जियो
दर्द समझो लाचारों का
दुख बांटो बेचारों का
पर अपने आप को
खुश किस्मत समझो
क्योंकि संवेदना है
तुम्हारे अंदर और
ज़िन्दगी मेहरबान है।
किसी भरम में ना रहना
मौत सभी को आनी है
और ज़िन्दगी भी सभी
ने जीनी ही है।।